तुलसी एक ऐसा पौधा है जिसे परिचय की जरूरत नहीं है। तुलसी ( Tulsi Leaves ) एक चमत्कारी पौधा है। संत श्री आसाराम जी बापू जी ने तुलसी को माता का दर्जा दिया है, क्योंकि तुलसी मां की तरह हमारा ख्याल रखती है। तुलसी केवल वंदनीय ही नहीं है। यह पर्यावरण और स्वास्थ्य के लिए भी हितकारी है। आइए जानते हैं कि तुलसी घर के बगीचे में एक अत्यावश्यक पौधा क्यों है ?
तुलसी : शास्त्रों में वर्णित ( Tulsi Leaves )
यह पवित्र पौधा सर्व दोष निवारक, सर्व सुलभ तथा सर्वोपयोगी बताया गया है। तुलसी की सेवा और आराधना से व्यक्ति स्वस्थ एवं सुखी रहता है। शास्त्रों में उल्लेख है कि तुलसी का पौधा घर के आंगन में लगाने और सेवा करने से मनुष्य के पिछले जन्म के सारे पाप मिट जाते हैं। जिस घर में तुलसी लगी होती है, वहां सुख-समृद्धि का वास होता है। प्रतिदिन तुलसी पूजन से भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी की कृपा भी बनी रहती है। नियमित रूप से तुलसी को दीपक करने से घर में धन-धान्य की कमी नहीं होती है।
‘स्कंद पुराण’ (का.खं. :२१.६६) में आता है : ‘जिस घर में तुलसी–पौधा विराजित हो, लगाया गया हो, पूजित हो, उस घर में यमदूत कभी भी नहीं आ सकते ।’
तुलसी : एक आयुर्वेदिक औषधि ( Tulsi Leaves )
इस पवित्र पौधे की पत्तियों में एंटीबैक्टीरियल, एंटीवायरल, एंटी-फंगल जैसे गुण पाए जाते हैं। इससे शरीर की कई समस्याएं खत्म हो जाती हैं।
औषधीय गुणों से भरपूर तुलसी के पत्ते सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं। यही वजह है कि रोजाना सुबह खाली पेट इसका सेवन करने से शारीरिक और मानसिक समस्याओं से राहत मिलती है।
तुलसी : घर-परिवार के लिए ( Tulsi Leaves )
ऐसा माना जाता है कि जिस घर में तुलसी का वास होता है, वहाँ तरक्की के साथ सुख-शांति और धन की संपन्नता अपने आप ही हो जाती है। तुलसी वातावरण को शुद्ध और प्रदूषण रहित करती है। इसके साथ ही, यह घर-परिवार में आरोग्य की जड़ें मज़बूत करती है और श्रद्धा भाव को भी जीवित रखती है।
तुलसी : जीवन में महत्ता व उपयोगिता ( Tulsi Leaves )
जहाँ तुलसी का पौधा रोपा गया है, वहाँ बीमारियाँ नहीं हो सकतीं। तुलसी का पौधा अपने आसपास के समस्त रोगाणुओं और विषाणुओं को नष्ट कर देता है। यह २४ घंटे शुद्ध हवा भी देता है। वहाँ निरोगता रहती है। साथ ही, वहाँ सर्प, बिच्छू, कीड़े-मकोड़े आदि भी नहीं फटकते। इस प्रकार, तीर्थ जैसा पावन वह स्थान सब प्रकार से सुरक्षित रहकर निवास-योग्य माना जाता है। वहाँ रहने वाले को दीर्घायु प्राप्त होती है।
पूज्य संत श्री आशारामजी बापूजी कहते हैं: “तुलसी निर्दोष है। सुबह तुलसी के दर्शन करो। उसके आगे बैठकर लम्बे श्वास लो और छोड़ो। इससे स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। दमा दूर रहेगा अथवा दमे की बीमारी की सम्भावना कम हो जायेगी। तुलसी को स्पर्श करके आती हुई हवा रोगप्रतिकारक शक्ति बढ़ाती है। यह तमाम रोग व हानिकारक जीवाणुओं को दूर रखती है।”
यह पौधा रोपने तथा उसे दूध से सींचने पर स्थिर लक्ष्मी की प्राप्ति होती है । की मिट्टी का तिलक लगाने से तेजस्विता बढ़ती है ।
तुलसी : पर्यावरण सुरक्षा के लिए उपयोगी ( Tulsi Leaves )
एक नेचुरल एयर प्यूरिफायर है। यह पौधा 24 में से करीब 20 घंटे ऑक्सीजन छोड़ता है। वनस्पति वैज्ञानिकों के अनुसार, यह जहरीली गैस भी सोखता है। इसमें कार्बन मोनो ऑक्साइड, कार्बन डाई ऑक्साइड व सल्फर डाईऑक्साइड शामिल हैं। तुलसी का पौधा वायु प्रदूषण को कम करता है।
तुलसी का पौधा उच्छवास में ओजोन वायु छोड़ता है। इससे सूर्य की हानिकारक पराबैंगनी किरणों से बचाव होता है। तुलसी में यूजेनॉल नाम का एक कार्बनिक यौगिक होता है। यह मच्छर, मक्खी और कीड़े भगाने का काम करता है। इस तरह, वायु प्रदूषण कम करने के लिए तुलसी का पौधा लगाना फायदेमंद है।
तुलसी: स्वास्थ्य के लिए वरदान ( Tulsi Leaves )
एंटीऑक्सीडेंट और महत्वपूर्ण पोषक तत्वों से भरपूर तुलसी को इम्यून सिस्टम को मजबूत करने, तनाव के स्तर को कम करने समेत कई स्वास्थ्य लाभों के लिए जाना जाता है ।एनआईएच(NIH) के अनुसार, अपने स्वास्थ्य और ताकत को बेहतर बनाने के लिए तुलसी की चाय पीने या अपनी दैनिक जीवन में 5-6 पत्तियों को शामिल करने का प्रयास करें ।
· बढ़ाएं रोग प्रतिरोधक क्षमता
तुलसी में प्रचुर मात्रा में विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो फ्लू, अस्थमा, बुखार और सामान्य सर्दी जैसी सामान्य बीमारियों के इलाज में सहायता करते हैं । के पत्तों को चबाना या तुलसी के साथ उबाला हुआ पानी पीना सर्दी और गले की खराश के लक्षणों को कम करने में प्रभावी है । इसके अलावा, तुलसी के पत्ते, कैंसर पैदा करने वाली और एचआईवी (HIV)पैदा करने वाली कोशिकाओं की वृद्धि को कम करने में भी सहायक है ।
· ब्लड प्रेशर का नियंत्रण
हाई ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल के लेवल को कम करने वाली तुलसी की पत्तियां खाने से व्यक्ति के स्वास्थ्य पर काफी सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है । पवित्र तुलसी सिरदर्द, चिंता, डिप्रेशन, अनिद्रा और हाई ब्लड प्रेशर के लिए एक प्रभावी उपचार है ।
· इंफेक्शन का उपचार
पौधे की एंटीवायरल, एंटीफंगल, जीवाणुरोधी विशेषताओं के कारण, तुलसी का उपयोग सदियों से घावों और इन्फेक्शन के इलाज के लिए किया जाता रहा है । इसके अतिरिक्त, इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो सूजन को कम करने और घाव भरने में तेजी लाने में सहायता करते हैं ।
· पाचन के लिए गुणकारी
अगर आप पाचन संबंधी समस्याओं से परेशान है, तो तुलसी के पत्ते आपके लिए मददगार साबित होंगे। रोजाना खाली पेट तुलसी के पत्ते चबाने से एसिडिटी और पेट में जलन की समस्या दूर होती है। साथ ही यह शरीर के पीएच लेवल को बरकरार रखने में भी सहायक है।
· ब्लड शुगर नियंत्रण में लाभकारी
तुलसी में मौजूद तत्व पैंक्रियाटिक सेल की तरह काम करती है। जिससे इंसुलिन बनाता रहता है। और ब्लड शुगर के स्तर को कम करती है। इसका सेवन करने से रक्त में मौजूद शुगर को ऊर्जा के लिए सही तरह से उपयोग किया जा सकता है।
· शरीर में विद्युत प्रवाह के लिए
तुलसी में विद्युत् – तत्त्व उपजाने और शरीर में विद्युत् – तत्त्व को सजग रखने का अद्भुत सामर्थ्य है । थोडा तुलसी – रस लेकर तेल की तरह थोड़ी मालिश करें तो विद्युत् – प्रवाह अच्छा चलेगा । स्त्रोत – ऋषि प्रसाद, december 2016
तुलसी सेवन के नियम
दूध के साथ तुलसी वर्जित है, बाकि पानी, दही, भोजन आदि हर चीज के साथ तुलसी ले सकते हैं । रविवार को तुलसी ताप उत्पन्न करती है, इसलिए रविवार को तुलसी न तोड़ें, न खायें । ७ दिन तक तुलसी – पत्ते बासी नहीं माने जाते ।
तुलसी: एक प्राकृतिक वरदान( Tulsi Leaves )
इस प्रकार तुलसी का पौधा हर प्रकार से लाभकारी है और यह हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत उपयोगी है तथा वातावरण को शुद्ध और पवित्र करता है। इसलिए हमारे घर के बगीचे में तुलसी के पौधे अवश्य होने चाहिए ।
यदि आपके घर में तुलसी का पौधा नहीं है, तो आज ही नजदीकी संत श्री आशारामजी आश्रम / नर्सरी में जाकर तुलसी का पौधा ले आयें और इसे अपने बगीचे में लगाकर स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करें साथ ही वायु प्रदूषण के प्रबंधन में अपना योगदान दें।
